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स्वास्थ्य-चिकित्सा >> चमत्कारिक तेल

चमत्कारिक तेल

उमेश पाण्डे

प्रकाशक : निरोगी दुनिया प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :252
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9417
आईएसबीएन :9789385151071

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प्रसारिणी तेल

यह एक विशिष्ट प्रकार का तेल है जो कि अनेक वायु रोगों पर प्रभावशाली है। इसे सिद्ध करने हेतु सर्वप्रथम 60 ग्राम प्रसारिणी लें। प्रसारिणी इसी नाम से जड़ी-बूटी वालों के यहां प्राप्त हो जाती है। इस प्रसारिणी की 60 ग्राम मात्रा को 180 ग्राम जल में डालकर काढ़ा बनायें। जब चौथाई पानी बच जाये तब इसे उतारकर छान लें। अब इस काढ़े में 40-40 ग्राम तिल का तेल, दही और कांजी मिलायें। इसके पश्चात् इसमें 160 ग्राम गाय का दूध मिलायें। एक अलग पात्र में 20-20 ग्राम मुलैठी, पीपरामूल, चीते जटामांसी लें। इन सभी पदार्थों का कल्क करें अर्थात् इन्हें पीसकर इनका रस निकालें। शुष्क होने की स्थिति में पर्याप्त जल के साथ पीसकर इनका कल्क करें। अब इस कल्क को उपरोक्त तेल आदि मिश्रण में मिलायें (जिस मिश्रण में तेल, गोदुग्ध आदि थे)। इसके पश्चात् इस सम्पूर्ण मिश्रण को अग्नि पर चढ़ाकर औटायें। जब तेल मात्र बाकी रहे तब इसे उतारकर छान लें। यह प्रसारिणी तेल के नाम से विख्यात है। अनेक वायु रोगों पर अपना विलक्षण प्रभाव दर्शाने वाला यह एक दिव्य तेल है। इसके प्रयोग से निम्नांकित लाभ होते हैं:-

> इसकी मालिश करने से कफ तथा वात विकार लुप्त हो जाते हैं।

> इस तेल की मालिश से खंजवायु जो कि मनुष्य को टेढ़ाकार देती है तथा पूंगुवायु जो कि मनुष्य को पंगु बना देती है, ये दोनों ही प्रकार की वायु का नाश होता है।

> कूबड़ पर इस तेल की हल्की मालिश करने से उसका बढ़ना रुक जाता है तथा उसका घटाव शनै: शनै: होने लगता है। > लकवा ग्रसित क्षेत्र में लाभ प्राप्त करने हेतु इसकी मालिश करनी चाहिये।

> इसकी हल्की सी मालिश ठोड़ी पर करने से उसका दर्द दूर होता है।

 > पीठ में इसकी मालिश करने से पीठ दर्द तथा पीठ की जकड़न दूर होती है।

> गर्दन की जकड़न पर इस तेल की मालिश करने से बहुत लाभ होता है।

> कमर दर्द तथा कमर की जकड़न पर सुबह-शाम इस तेल की मालिश करने से शीघ्र आराम होता है।

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    अनुक्रम

  1. जीवन का आधार हैं तेल
  2. तेल प्राप्त करने की विधियां
  3. सम्पीड़न विधि
  4. आसवन विधि
  5. साधारण विधि
  6. तेलों के सम्बन्ध में कुछ विशेष जानकारियां
  7. नारियल का तेल
  8. अखरोष्ट का तेल
  9. राई का तेल
  10. करंज का तेल
  11. सत्यानाशी का तेल
  12. तिल का तेल
  13. दालचीनी का तेल
  14. मूंगफली का तेल
  15. अरण्डी का तेल
  16. यूकेलिप्टस का तेल
  17. चमेली का तेल
  18. हल्दी का तेल
  19. कालीमिर्च का तेल
  20. चंदन का तेल
  21. नीम का तेल
  22. कपूर का तेल
  23. लौंग का तेल
  24. महुआ का तेल
  25. सुदाब का तेल
  26. जायफल का तेल
  27. अलसी का तेल
  28. सूरजमुखी का तेल
  29. बहेड़े का तेल
  30. मालकांगनी का तेल
  31. जैतून का तेल
  32. सरसों का तेल
  33. नींबू का तेल
  34. कपास का तेल
  35. इलायची का तेल
  36. रोशा घास (लेमन ग्रास) का तेल
  37. बादाम का तेल
  38. पीपरमिण्ट का तेल
  39. खस का तेल
  40. देवदारु का तेल
  41. तुवरक का तेल
  42. तारपीन का तेल
  43. पान का तेल
  44. शीतल चीनी का तेल
  45. केवड़े का तेल
  46. बिडंग का तेल
  47. नागकेशर का तेल
  48. सहजन का तेल
  49. काजू का तेल
  50. कलौंजी का तेल
  51. पोदीने का तेल
  52. निर्गुण्डी का तेल
  53. मुलैठी का तेल
  54. अगर का तेल
  55. बाकुची का तेल
  56. चिरौंजी का तेल
  57. कुसुम्भ का तेल
  58. गोरखमुण्डी का तेल
  59. अंगार तेल
  60. चंदनादि तेल
  61. प्रसारिणी तेल
  62. मरिचादि तेल
  63. भृंगराज तेल
  64. महाभृंगराज तेल
  65. नारायण तेल
  66. शतावरी तेल
  67. षडबिन्दु तेल
  68. लाक्षादि तेल
  69. विषगर्भ तेल

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